पंजाब कांग्रेसस्याध्यक्ष: नवजोत सिंह सिद्धू सैनेषु एकदा पुनः चरणजीत सिंह चन्नी सर्वकारे लक्ष्यम् लक्षित: ! पंजाबे ५ लक्ष कोटि रूप्यकानां ऋणमस्ति !
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने इशारों में एक बार फिर चरणजीत सिंह चन्नी सरकार पर निशाना साधा है ! पंजाब पर 5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है !
यदि जनान् परिलक्ष्यन्ति ततेदं सर्वकारः ऋणोद्धारितं तर्हि ते युक्तिसंगतम् न सन्ति ! यस्य भारम् जनाः उत्थाष्यति ! यदि कोषम् परिपूर्णम् भवति तर्हि शिक्षकानां वेतन बर्धित्वा ५०,००० रूप्यकाणि प्रति मासम् किं न करोति ?
अगर लोगों को लगता है कि यह कर्ज सरकार चुकाएगी, तो वे गलत हैं ! इसका भार जनता उठाएगी ! अगर खजाना ओवरफ्लो हो रहा है तो शिक्षकों का वेतन बढ़ाकर 50,000 रुपये प्रति माह क्यों नहीं करते हैं ?
निर्वाचनी वर्षस्य पूर्व द्वयो मासयो जनान् लॉलीपॉप इति ददातु ! प्रश्नमिदमस्ति तत ते (सर्वकारः) कुत्रात् दाष्यति ? किं केवलम् असत्य बदित्वा असत्य दृढ़ कथनानि कृत्वा सर्वकार निर्माणम् इच्छामस्ति ? पंजाबस्य कल्याणस्य मार्गम् एकम् प्रारूपेण आगच्छति !
चुनावी साल के पिछले दो महीनों में लोगों को लॉलीपॉप दें ! सवाल यह है कि वे (सरकार) कहां से देंगे ? क्या सिर्फ झूठ बोलकर और झूठे वादे करके सरकार बनाना मकसद है ? पंजाब के कल्याण का मार्ग एक रोडमैप से आता है !
निर्णयम् इति न्यायालये नीष्यते ! इतम् न विचारन्तु तत गुरु न्यायम् न करोति ! सः मान्यति ! इदृशं कृत्वा तं सर्वकारा: परिवर्तयन्तु, वास्तविक कार्यकर्ता: सिकतायां आभूषणानिव सन्ति, तै: पंजाबस्य मुकुटे एकीकरोतु !
निर्णय इस अदालत में लिया जाएगा ! यह मत सोचो कि गुरु न्याय नहीं करता है ! वह मानता है। ऐसा करके उसने सरकारें बदल दीं ! असली कार्यकर्ता रेत में गहनों की तरह हैं, उन्हें पंजाब के ताज में डाल दें !
अंते, अहम् कथयामि अहमस्मि न ! ज्ञापयन्तु तत तस्य टिप्पणिका इदृशैव दिवसं आगतं यदा चन्नी गृह क्षेत्राय विद्युतमूल्येषु ३ रूप्यकाणि प्रति यूनिट इतस्य कर्तनम् सर्वकारी कर्मिकेभ्यः मूल्यवृद्धि भत्तेषु वृद्ध्या: घोषणा कृतः !
अंत में ,मैं कहता हूँ मैं हूँ ना ! बता दें कि उनकी टिप्पणी ऐसे दिन आई है जब चन्नी ने घरेलू क्षेत्र के लिए बिजली दरों में 3 रुपये प्रति यूनिट की कटौती और सरकारी कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते में वृद्धि की घोषणा की !