किसी छोटे देश के बराबर की जनसंख्या, सीमित साधनों के बीच उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना की दूसरी प्रचंड लहर से निपटने में अपना सर्वस्व झोंक दिया है।
पूरी मुस्तैदी के साथ योगी आदित्यनाथ कोरोना से प्रदेश की जनता की रक्षा करने में जुटे हैं। इसके लिए योगी सरकार ने “ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट” फॉर्मूले को ईजाद किया। इसके तहत सबसे पहले कोरोना संक्रमित व्यक्ति की पहचान करना, उसका टेस्ट करना फिर उचित इलाज करना।
योगीजी के इस फॉर्मूले की WHO ने भी सराहना की है। इस फॉर्मूले के कारण योगीजी कोरोना की रफ्तार पर काफी कद तक लगाम लगाने में सफल भी हुए हैं।
30 अप्रैल तक प्रदेश में कोरोना के 3,10,000 मरीज थे, जो कि घटकर 2,16,000 रह गए हैं। रोजाना 21000 से केसेस कम हो रहे हैं और करीब 29000 लोग ठीक होकर घर जा रहे हैं।
योगी सरकार ने इस फॉर्मूले पर काम करते हुए संदिग्ध मरीजों को आगाह किया, उन्हें बाकी लोगों से अलग किया। बहुत से मरीजों को घर में ही आइसोलेट किया गया, उन्हें मेडिकल किट दी गई।
इसके अलावा योगी सरकार ने होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों का बराबर फॉलोअप लिया और उनके संपूर्ण स्वस्थ होने तक उनसे बराबर संपर्क रखा गया।
स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कमान संभाले हुए हैं और पूरी तत्परता से प्रदेश की जनता की सुरक्षा में रात दिन एक किये हुए हैं।
चाहे ऑक्सीजन प्लांट लगाने का मामला हो या ज़रूरी दवाओं की आपूर्ति का मामला हो, योगी सरकार हर संभव प्रयास में जुटी है।
पिछले वर्ष के लॉक डाउन में भी उत्तरप्रदेश के मजदूरों को देशभर से स्पेशल ट्रेनों और बसों द्वारा उनके घरों टीम पहुँचाने में योगीजी ने उल्लेखनीय कार्य किया था।
योगीजी आज देश के सबसे सक्षम, जनता के लिए सदैव तत्पर रहने वाले और कानून व्यवस्था को मजबूत बनाये रखने के लिए सबसे ज़्यादा एनकाउंटर करवाने वाले मुख्यमंत्री के रूप में भी जाने जाते हैं।