अनुमानतः सप्तशतवर्षस्य इस्लामी राज्ये भारते सनातन धर्ममवशेषितुं कीदृशं रमेत् ? यद्यपि ईराने केवलं पंचदश वर्षे पारसी धर्म लोपितुं अभवत् ! इराकस्य, सीरियायाः, तुर्क्या:, मिश्रस्य, लीबियायाः, अल्जीरियायाः, मोरक्को इत्या: मूल धर्माणि तूच्छेदनमेवाभवन् !
लगभग सात सौ वर्ष के इस्लामी राज में भारत में सनातन धर्म बचा कैसे रहा ? जबकि ईरान में मात्र पंद्रह वर्ष में पारसी धर्म गायब हो गया ! ईराक, सीरिया, तुर्की, मिश्र, लीबिया, अल्जीरिया, मोरक्को के मूल धर्म तो नष्ट ही हो गए !

किंचित यजीदी इराके अवशेषयन् स्म तै: आईएसआईएस हतवन्त: ! प्रतिमा: त्रोटितुं शक्नोति स्म तु प्रत्यक्ष देवान् उच्छेदनम् कश्चित इस्लामस्य सामर्थ्यस्य वार्ता नासीत् ! त्रिपथगामिनी गंगा सनातन धर्मस्य जीवनरेखा इति अस्ति !
थोड़े बहुत यजीदी ईराक में बचे हुए थे उन्हें आईएसआईएस ने लील लिया ! बुतों को तोड़ा जा सकता था पर प्रत्यक्ष देवताओं को नष्ट करना किसी इस्लाम के बस की बात नहीं थी ! त्रिपथगामिनी गंगा सनातन धर्म की जीवनरेखा है !

पृथ्वीराजस्य पराभवस्यानंतरं कड़ाजौने किंचित प्रतिरोध: अभवत्, पुनः केचन कालस्य अंतराले बख्त्यार खिलजी बंगे लक्ष्मण सेनम् पराजित्वा गंगायाः संपूर्ण क्षेत्रे अधिपत्य कृतवान् !
पृथ्वीराज की पराजय के बाद कन्नौज में थोड़ा प्रतिरोध हुआ, फिर कुछ समय के अंतराल में बख्त्यार खिलजी ने बंगाल में लक्ष्मण सेन को पराजित कर गंगा के संपूर्ण मैदान पर कब्जा कर लिया !
हिन्दुनां हस्तेभ्यः राजनैतिक सत्ता निःसृतवन्तः स्म तु गंगाधुनापि आसीत् यस्याः तटे षड् वर्षाणां अंतराले द्वे कुंभ मेलके अनादि कालतः आयोजितं भवितुं आगच्छतः स्म ! क्षेत्रेषु अधिपत्य सरलमासीत् तु केदार क्षेत्रस्य पर्वतेषु सनातन धर्मस्य सत्ता स्थितुं रमेत् !
हिंदुओं के हाथ से राजनैतिक सत्ता निकल चुकी थी पर गंगा अभी थी जिसके किनारे छः वर्षों के अंतराल में दो कुंभ मेले अनादि काल से आयोजित होते आ रहे थे ! मैदानों पर कब्जा आसान था पर केदार क्षेत्र के पहाड़ों पर सनातन धर्म की सत्ता बनी रही !
संपूर्णभारततः तीर्थयात्रिन: बदरी केदार आगतुं रमेत् ! केचन शूर: कैलाश मानसरोवरमपि गन्तुं रमेत् ! केरल ज्योतिषस्यैकम् ग्रन्थम् पठति स्म यस्मिन् प्रतिसाधु राजयोगस्यैकं फलमिदमपि ज्ञाप्यते स्म तत जातकम् गंगामज्जनस्य पुण्यम् ळब्धुं भविष्यति !
भारत भर से तीर्थयात्री बदरी केदार आते रहे ! कुछ साहसी कैलाश मानसरोवर भी जाते रहे ! केरल ज्योतिष का एक ग्रंथ पढ़ रहा था जिसमें हर अच्छे राजयोग का एक फल यह भी बताया जाता था कि जातक को गंगास्नान का पुण्य प्राप्त होगा !
भारतमेव न सुदूर: पूर्वी द्वीप बालीतः अद्यापि हिंदू हरिद्वारम् स्नानार्थमागतुं रमन्ति ! सनातन धर्मस्य तीर्थानि भक्ति आंदोलनम् च् सनातन धर्मस्य तत भयावहतमयुगे अपि रक्षा कृतवन्तः ! भगवतः मंदिरतः निःसृत्य भक्तस्य जिह्वायां आसीन: अभवत् !
भारत छोड़िए सुदूर पूर्वी द्वीप बाली से आज भी हिंदू हरिद्वार स्नान के लिए आते रहते हैं ! सनातन धर्म के तीर्थों ने और भक्ति आंदोलन ने सनातन धर्म की उस घोर अंधकार युग में भी रक्षा की ! भगवान मंदिर से निकल कर भक्त की जिह्वा पर विराजमान हो गये !
भक्त बिल्वमंगल: गायति, भक्त बिल्वमंगल गाते हैं-सदा मदीये रसनाग्ररंगे गोविंद दामोदर माधवेति, श्रीकृष्ण गोविंद हरे मुरारी हे नाथ नारायण माधवेति !
इदमपि आश्चर्यस्य वार्तास्ति तत कश्मीर कांगड़ा च् विजेता सैन्यम् गढ़वाले नयपाले च् विजयम् न ळब्धवत् ! केरले उत्पन्न शंकराचार्य: भारतस्य चतुर्षु क्रोणेषु मठ स्थापितं कृतवान् यानि कश्चित प्रकारेणावशेषयन् !
यह भी आश्चर्य की बात है कि कश्मीर और काँगड़ा जीत लेने वाली फौज गढ़वाल और नेपाल में विजय को तरस गई ! केरल में उत्पन्न शंकराचार्य ने भारत के चारों कोनों पर मठ स्थापित किए जो किसी तरह से बचे रह गए !
गंगायां अस्थि विसर्जनम् काशी च् गया च् यथा तीर्थानि न केवलमवशेषयनपितु संपूर्ण भारततः सनातनी तीर्थाटनाय बहुकर: दत्वा अत्रागतुं रमेत् ! आंग्लकाः तु मन्दिराणि त्रोटनम् यथैव मूर्खताकृतस्यापेक्षा यै: आयस्य श्रोतं कृतवान् !
गंगा में अस्थि विसर्जन और काशी और गया जैसे तीर्थ न केवल बचे रहे अपितु सारे भारत से सनातनी तीर्थाटन के लिए भारी कर देकर यहाँ आते भी रहे ! अंग्रेजों ने तो मंदिरों को तोड़ने जैसी मूर्खता करने की बजाय इन्हें आय का साधन बना लिया !
सर्वात् प्रथम मद्रास राज्ये हिंदू टेम्पल एक्ट १८४३ आंग्लकः एव नीत्वागतवान् ! विधेयकेण हिंदू मंदिराणां लुंठनम् विधीय स्वरूपदत्वा इंग्लैंड प्रेषितुमरभत् ! स्वतंत्रतायाः अनंतरमपि हिंदू मंदिरम् स्वतंत्र भवितुं नाशक्नोत् !
सबसे पहले मद्रास राज्य में हिंदू टेम्पल एक्ट १८४३ अंग्रेज ही लेकर आए ! इस एक्ट द्वारा हिंदू मंदिरों की लूट को कानूनी जामा पहना कर इंग्लैंड भेजा जाने लगा ! स्वतंत्रता के बाद भी हिंदू मंदिर स्वतंत्र नहीं हो सके !
सम्प्रति तानि एकं धर्मनिरपेक्ष राज्यस्याधीनम् अभवन् ततापि च् एतेषां मंदिराणां धनस्य उपयोगम् हिन्दुनां हितसाधने कर्तुं न शक्नोति ! सम्प्रति तु राजाज्ञातः हिमाचलस्य मंदिरेषु भजन कीर्तन अपि निषिद्धम् कृतवत् !
अब वे एक धर्मनिरपेक्ष राज्य के अधीन हो गए हैं और वह भी इन मंदिरों के धन का उपयोग हिंदुओं के हित में नहीं कर सकता है ! अब तो राजाज्ञा से हिमाचल के मंदिरों में भजन कीर्तन भी निषिद्ध कर दिया गया है !
सद्य: गंगा किं न यति अशुद्धम् अभवत् गंगा जलस्यैकं बिंदु अपि अंतिम क्षणेषु मुक्ति प्रदायिनी मान्यते यस्याः च् याचना पूर्णजगते अस्ति ! कश्चितैव धर्मे इदृशमेव पवित्रा पूजनीया च् नदी द्वितीया नास्ति ! गंगा यदैव प्रवहति सनातन धर्म तदैव रमिष्यति !
बहरहाल गंगा चाहे जितनी मैली हो गई हो गंगाजल की एक बूँद भी अंतिम क्षणों में मुक्तिप्रदायिनी मानी जाती है और इसकी माँग सारे संसार में है ! किसी धर्म में ऐसी पवित्र और पूजनीया नदी दूसरी नहीं है ! गंगा जब तक बह रही है सनातन धर्म तब तक रहेगा !
भगवद्गीता किञ्चिदधीता गंगाजल लवकणिका पीता, सकृदपि येन मुरारि समर्चा क्रियते तस्य यमेन न चर्चा !
साभार-रमेश वाजपेयी “विरल”