स्थानम्, श्री हनुमान गढ़ी मंदिरमयोध्या ! काळं, वर्ष १९९८ तमस्यैकं अघोषित दिवसं ! मंदिरम् परिसरे स्थापितं शीतजलस्य मशीन इत्या: पार्श्व तिष्ठ: एकः लघु वानर:, मुखे द्वय विद्युत तन्तु: नीतुं चर्वयति, यथा कश्चित फलमसि !
स्थान, श्री हनुमान गढ़ी मंदिर अयोध्या ! समय, साल 1998 का एक अघोषित दिन ! मंदिर परिसर में लगे ठंडे पानी की मशीन के पास बैठा एक छोटा वानर, मुंह में दो बिजली के तारों को लिए चबाए जा रहा था, मानों कोई फल हो !

पूर्ण मन्दिरम् रिक्त कारितमासीत्, एकः एकः श्रद्धालव: एकः एकः दर्शनार्थिनः ! केवलं आरक्षकः बम बमनिरोधक दस्ता इति च् तत्र ततकाळं हनुमान गढ़ी मन्दिरस्याभ्यांतरासीत् ! ते सर्वे तं लघुना वानरम् विद्युततन्तु: चर्वत् दर्शयन्ति स्म !
पूरा मंदिर खाली करा लिया गया था, एक एक श्रद्धालु और एक एक दर्शनार्थी ! केवल पुलिस बल और बम निरोधक दस्ता वहां उस समय हनुमान गढ़ी मंदिर के भीतर था और वे सभी के सभी उस छोटे से वानर को बिजली का तार चबाते हुए देख रहे थे !

तु मंदिरम् पूर्ण रिक्तं किमासीतारक्षकेण सह बम निरोधक दस्ता इति तत्र कः करोति स्म ? येन किंचिताहम् ज्ञापयामि कुत्रचित् १९९८ तमे अभवत् इदम् सत्यघटनाद्यैव कश्चित वार्तापत्रे न्यूज चैनल इत्यां वा दर्शितुं न गतवान् !
पर मंदिर पूरा खाली क्यों था और पुलिस के साथ बम निरोधक दस्ता वहां क्या कर रहा था ? इसे थोड़ा मैं बता रहा हूँ क्योंकि 1998 में घटी ये सत्य घटना आज तक किसी अखबार या न्यूज चैनल में दिखाई नही गई है !

अयोध्यायाः अति संवेदनशीलभूतस्य कारणं ! वर्ष १९९८ तमे अनुमानतः विंशति किलो आरडीएक्स अयोध्यायां आगमनस्य वार्ता उत्तर प्रदेशस्य एसटीएफ अर्थतः विशेष आरक्षक बळं अभवत् स्मा, यस्मिन् तः अधिकांशतः आरडीएक्स इतम् कालेणारक्षकस्य जागरूकताया ळब्धवान् !
अयोध्या के अति संवेदनशील होने के कारण ! साल 1998 में करीब बीस किलो आरडीएक्स अयोध्या में आने की खबर उत्तरप्रदेश की एसटीएफ यानी विशेष पुलिस दस्ते को लगी थी, जिसमे से अधिकांश आरडीएक्स को समय रहते पुलिस की मुस्तैदी से जब्त कर लिया गया !
अयोध्यायां कश्चित प्रकारस्य विस्फोट नाभवत् ! तु एकः आतंकिन् बम निरोधक बलस्य वेश कृत्वायोध्यायाः सर्वात् प्राचीन हनुमान गढ़ी मंदिरे अविशत् तं च् टाइमर सेट कृत्वा तत्र शीत जलस्य मशीन इत्यां बम स्थापितवान् !
अयोध्या में किसी प्रकार का धमाका नही हुआ ! परन्तु एक आतंकी बम निरोधक दस्ते का भेष बनाकर अयोध्या के सबसे प्राचीन हनुमान गढ़ी मंदिर में घुस गया और उसने टाइमर सेट करके वहां ठंडे पानी की मशीन में बम लगा दिया !
यदारक्षकः तेन बहिः पलायन काळमवरुद्धम् पृच्छनम् चरभत्, तदैव केवलं एकस्य पलस्य काळमवशेषितमासीत् ! मंदिरे बम इत्या: विस्फोटाय, इदृशं तं आतंकिनः स्वयं ज्ञाप्तवान् स्म ! त्वरित पूर्णारक्षकबलम् यस्य नेतृत्वम् निरीक्षक: अविनाश मिश्र: करोति स्म !
जब पुलिस ने उसे बाहर भागते समय पकड़ा और पूछताछ शुरू की, तब तक केवल एक मिनट का समय शेष रह गया था ! मंदिर में बम के विस्फोट के लिए, ऐसा उस आतंकी ने स्वयं बताया था ! तुरन्त पूरा का पूरा पुलिस बल जिसका नेतृत्व इंस्पेक्टर अविनाश मिश्र कर रहे थे !
मंदिरे विशतः तः च् टाइम बम इतम् अन्वेषितुं अरभत् ! मंदिरस्य प्रतिक्रोणम् प्रतिवीथीम् अनुसंधानयत्, तु बम यथा केचनापि कश्चित दर्शितुं न ददाति स्म, तदा सर्वे अदर्शयन्, मंदिरस्य प्रांगणम् रचितं शीतजलस्य मशीन इत्या: पार्श्व एकः लघु वानर: तिष्ठ्वा स्व हस्तयो द्वय तन्तु: नीत: तस्मात् क्रीडयति स्म !
मंदिर में घुसे और वो टाइम बम को खोजने लगे ! मंदिर का हर एक कोना हर एक गलियारा छान मारा, पर बम जैसा कुछ भी किसी को दिखाई नही दे रहा था, तभी सबने देखा, मंदिर के प्रांगण में बने ठंडे पानी की मशीन के पास एक छोटा वानर बैठकर अपने हाथों में दो तार लिए उनसे खेल रहा था !
मुखे मेलित्वा चर्वयति स्म, यथा केचन कर्तसि ! आरक्षकमाशंकाभवत् ततास्मिनेव मशीन इत्यां बम स्थापितवान्, सः तस्य वानरस्य मुखतः तन्तु मुक्ताय कदलीफलम् तं प्रति अक्षिपत् ! कदलीफलम् यथैव तं वानरम् प्रति अक्षिपत् तादृशैव तः तन्तु त्यक्त्वा विना कदलीफलम् नीतुं तत्रतः अवतर्य गतवान् इदृशं अकथयम् लुप्तं अभवत् वा !
मुंह में लेकर चबाए जा रहा था, जैसे कुछ काट रहा हो ! पुलिस को अंदेशा हो गया कि इसी मशीन में बम फिट किया गया है, उन्होंने उस वानर के मुंह से तार छुड़ाने के लिए केले उसकी ओर फेंके ! केले जैसे ही उस वानर की ओर फेंके गए वैसे ही वो तार छोड़कर बिना केले लिए वहां से उतरकर चला गया या यूं कहूं लुप्त हो गया !
त्वरित एव बम निरोधकबलम् तत्राहुतवन्तः यथैव च् मशीन इति उद्घाटयत्, तस्मिन् तः एकं टाइमर सेट कृतवत् बम इति ळब्धवान् ! श्रीमन् अस्य बम इतम् तु डिफ्यूज इति कृतवत् ! इदम् दर्शयतु टाइमर ३ विपले अवरुद्धवत् ! तं लघ्वा वानर: तन्तु कर्तित्वा बम इतम् विस्फोटेण अवरुद्धवान् !
तुरंत ही बम निरोधक दस्ता वहां बुलवाया गया और जैसे ही मशीन खोली गई, उसमे से एक टाइमर सेट किया गया बम पाया गया ! सर इस बम को तो डिफ्यूज (नष्ट) किया जा चुका है ! ये देखिए टाइमर 3 सेकेंड पर रुक चुका है ! उस छोटे से बंदर ने तार काटकर बम को फटने से रोक दिया है !
वृहत् उत्साहेण सह बम निरोधक दलस्य तं सैनिक: सूचितवान् केचनमेव काले च् पूर्ण आरक्षकबलम् हनुमान गढ़ी मंदिरस्य शिखरे तैव लघ्वा वानरमपश्यत्, यः शिखरस्य कलशम् स्निह्यति स्म ! अस्मिन् दृश्यम् जिओ सिनेमा इत्यां प्रसरीति कार्यक्रम इंस्पेक्टर अविनाश मिश्र द सुपर कॉप इत्यां प्रदर्शयत् !
बड़े उत्साह के साथ बम निरोधक दस्ते के उस सिपाही ने सूचना दी और कुछ ही देर में सारे पुलिस बल ने हनुमान गढ़ी मंदिर के शिखर पर वही छोटे से वानर को देखा, जो शिखर के कलश को सहला रहा था ! इस दृश्य को जिओ सिनेमा पर प्रसारित हो रहे कार्यक्रम इंस्पेक्टर अविनाश मिश्र द सुपर कॉप में दिखाया गया है !
मित्राणि भवन्तः एव ज्ञापयन्तु लघ्वा वानर: आसीत् अथवा भक्तप्रवर: श्री हनुमान जी महाराज: विश्वेण केचन कथयति स्म ! निश्चित एव तः हनुमान बाबा आसीत् तः अयम् च् पूर्ण विश्वम् स्पष्ट ज्ञापयति स्म तत अवध मम प्रभु श्रीरामस्यास्ति !
मित्रों आप ही बताइए वो छोटा सा वानर था या फिर भक्त प्रवर श्री हनुमान जी महाराज संसार से कुछ कह रहे थे ! निश्चित ही वो हनुमान बाबा थे और वो ये डंके की चोट पर सारे संसार को बता रहे थे कि अवध मेरे प्रभु श्रीराम का है !
यं प्रति यदा यदा संकटमागमिष्यति तदा तदा एकः वानर: आगत्यास्यावधस्य रक्षा करिष्यति ! स्व प्रभो: परम् प्रिय नगर्यां संकटमपि आगतुं न दाष्यति !
इसकी ओर जब जब संकट आएगा तब तब एक वानर आकर इस अवध की रक्षा करेगा !अपने प्रभु की परम प्रिय नगरी पर आंच भी नही आने देगा !