एक अमेरिकी एजेंसी ने अपने सर्वेक्षण में प्रधानमंत्री मोदी को सबसे लोकप्रिय वैश्विक नेता घोषित किया
वैश्विक स्तर पर सर्वेक्षण और शोध करने वाली अमेरिकी डाटा फर्म ‘मॉर्निंग कंसल्टिंग’ के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता हैं।
डाटा फर्म के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी के लिए कुल अप्रूवल रेटिंग 55 प्रतिशत है, जो कि दुनिया में सबसे अधिक है।
प्रधानमंत्री मोदी एकमात्र वैश्विक नेता हैं जिनकी रेटिंग कोरोनोवायरस काल में भी शीर्ष पर बनी हुई है। यह उन लोगों के लिए करारा जवाब है जो मानते हैं कि प्रधानमंत्री कोविड-19 महामारी के दौरान अच्छा काम करने में विफल रहे हैं।
75 प्रतिशत से अधिक लोगों ने मोदी को स्वीकार किया, जबकि 20 प्रतिशत ने अस्वीकार कर दिया, जिससे उनकी कुल अप्रूवल रेटिंग 55 प्राप्त हुई। जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल की अप्रूवल रेटिंग 24 प्रतिशत रही, जबकि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की अप्रूवल रेटिंग नकारात्मक रही है। वहीं डोनाल्ड ट्रम्प लुढ़क कर नौवें स्थान पर पहुंच गए।
यह सर्वेक्षण ऐसे समय में सामने आया है जब दुनिया भर में राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे है। मॉर्निंग कंसल्टिंग वर्तमान में 13 देशों के सरकारी नेताओं के अप्रूवल रेटिंग को ट्रैक कर रहा है। इन देशों में ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इटली, जापान, मैक्सिको, दक्षिण कोरिया, स्पेन, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं।
जिन अन्य नेताओं की लोकप्रियता में बढ़ोतरी हुई है, उनमें मेक्सिको के राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज ओब्रेडोर और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन शामिल हैं। 22 दिसंबर तक के डाटा के अनुसार, मैक्सिकन राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज ओब्रेडोर की अप्रूवल रेटिंग 29 प्रतिशत रही, जबकि ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन 27 प्रतिशत की रेटिंग के साथ कुछ ही अंक पीछे रहे।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को माइनस 15 रेटिंग अंक मिले, जबकि फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन माइनस 25 रेटिंग अंकों के साथ अंतिम स्थान पर हैं। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि वह फ्रांसीसी लोगों का
समर्थन प्राप्त करने में विफल रहे।
प्रधानमंत्री मोदी का राजनीतिक कद वैश्विक नेतृत्व में सबसे ऊंचा है, क्योंकि कोई भी अन्य नेता उनके करीब तक नहीं जा सका। गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राजकोट में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की आधारशिला रखने के दौरान कोरोना संकट से निपटने के लिए उनकी प्रतिबद्धता साफ़ तौर पर झलक रही थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि “पहले मैं कहता था कि ‘जब तक दवाई नहींं, तब तक ढिलाई नहीं’ पर अब हमारा 2021 का मंत्र होगा- दवाई भी, कड़ाई भी”। उन्होंने यह भी कहा कि “देश में कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण कार्यक्रम के लिए तैयारियां अंतिम चरण में हैं। लोगों को भारत में निर्मित टीकों की खुराक दी जाएगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि “हम भारत में स्वास्थ्य शिक्षा में सुधार के लिए मिशन मोड पर काम कर रहे हैं। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के गठन के बाद स्वास्थ्य शिक्षा की गुणवत्ता और पहुँच में सुधार होगा”।
स्रोत- इंडिया न्यूज नेटवर्क