केंद्र सरकारं प्रत्येनानयतम् कृषिविधेयकानां विरुद्धम् द्वय मासभ्यामधिकमपि कालात् संचरितम् कृषकांदोलनस्य मध्य केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण स्वच्छम् कृता तत देशे अभव्यक्त्या: स्वतंत्रताम् गृहित्वा कश्चितापि प्रकारस्य प्रतिबंधम् नास्ति !
केंद्र सरकार की ओर से लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ दो महीने से भी अधिक समय से जारी किसान आंदोलन के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ किया है कि देश में अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर किसी भी तरह की पाबंदी नहीं है !
तस्या: इयम् कथनं विपक्षस्य एत आरोपानां मध्यागतम् ततांदोलनम् दमयति सरकारः च् स्व विरुद्धम् उत्थयक: स्वराणि दमयस्य प्रयासम् करोति !
उनका यह बयान विपक्ष के इन आरोपों के बीच आया है कि आंदोलन को दबाया जा रहा है और सरकार अपने खिलाफ उठने वाली आवाजों को दबाने का प्रयास करती है !
मीडिया इत्ये दत्ता साक्षात्कारे सा बजटेन गृहित्वा बहु मुद्देषु सर्कारस्य पक्षम् धृता कथिता च् तत बजटे यत् प्रावधानाकुर्वन्,तस्मात् देशस्य अर्थव्यवस्था वेगम् गृहीष्यते जनानि च् कार्यस्य अवसरम् लभ्धिष्यन्ति !
मीडिया में दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने बजट से लेकर कई मुद्दों पर सरकार का पक्ष रखा और कहा कि बजट में जो प्रावधान किए गए हैं,उससे देश की अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ेगी और लोगों को काम के अवसर मिलेंगे !
इति कालम् सा विपक्षे बहु भर्तस्यता आरोपम् आरोपयता च् तत ते भारतम् तैव काले नीयतुम् इच्छन्ति,यस्मिन् जनेभ्यः अवसरम् सीमितम् आसन् ! सा कांग्रेस नेता राहुल गांधीमपि आवृता,यत् सरकारे सुहृद पूंजीवादम् गृहित्वा प्रहारक: रमन्ति !
इस दौरान वह विपक्ष पर जमकर बरसीं और आरोप लगाया कि वे भारत को उसी दौर में ले जाना चाहते हैं,जिसमें लोगों के लिए अवसर सीमित थे ! उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भी घेरा,जो सरकार पर क्रोनी कैपिटलिज्म को लेकर हमलावर रहे हैं !
बजटस्यालोचनांम् गृहित्वा कांग्रेसस्य विपक्षस्य च् नेतृषु प्रत्याघात कृतमानः निर्मला सीतारमण कथिता तत वैचारिक रूपेण ते भारतं तमेव काले धृतुम् इच्छन्ति,यदा जनानां पार्श्व स्व जीवनम् बहुसाधु निर्माय सीमितावसरमासन् !
बजट की आलोचना को लेकर कांग्रेस और विपक्ष के नेताओं पर पलटवार करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि वैचारिक रूप से वे भारत को उसी दौर में रखना चाहते हैं, जब लोगों के पास अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए सीमित अवसर थे !
कृषकांदोलनम् गृहित्वा प्रहारकः विपक्षे प्रत्याघात कृतमानः वित्त मंत्री कथिता तत कश्चितमपि प्रदर्शनेण नावरुद्धयन्ति नैव च् अभिव्यक्त्या: स्वतंत्रताम् गृहित्वा कश्चित प्रतिबंधमस्ति,तु २६ जनवरी इतम् हलयंत्राणि यात्रायाः कालम् रक्तप्राचीरे यत् केचनापि अभवत्,तस्याज्ञाम् दत्तुम् न शक्नुतं !
किसान आंदोलन को लेकर हमलावर विपक्ष पर पलटवार करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि किसी को भी प्रदर्शन से रोका नहीं जा रहा है और न ही अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर कोई पाबंदी है,लेकिन 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च के दौरान लाल किला पर जो कुछ भी हुआ,उसकी अनुमति नहीं दी सकती !
सा अयमपि कथिता तत सरकारः कृषकदलै: सह वार्तालापस्य द्वारौ कदापि अवरुद्धम् न कृतम् तस्य मुद्दानि गृहित्वा केंद्रीय मंत्री सततं कृषक नेतृभिः वार्ता कुर्वन्ते !
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने किसान संगठनों के साथ बातचीत के दरवाजे कभी बंद नहीं किए और उनके मुद्दों को लेकर केंद्रीय मंत्री लगातार किसान नेताओं से बात करते रहे हैं !
इदम् पृच्छे तत कृषि यद्यपि राज्यानामपि विषयमस्ति,केंद्र: इत्ये विधिम् किं निर्मितम्,वित्त मंत्री कथिता तत निश्चित रूपेण इदम् राज्यानामपि विषयमस्ति,तु कृषि उत्पादानां अंतराज्यीय विपणनस्य प्रकरणम् केन्द्रस्य अंतर्गतागच्छति तानि च् वार्तानि विधेयके सम्मिलितं अक्रियते !
यह पूछे जाने पर कि कृषि जबकि राज्यों का भी विषय है,केंद्र ने इस पर कानून क्यों बनाया, वित्त मंत्री ने कहा कि निश्चित रूप से यह राज्यों का भी विषय है,लेकिन कृषि उत्पादों के अंतराज्यीय व्यापार का मसला केंद्र के अंतर्गत आता है और उन्हीं बातों को कानून में शामिल किया गया है !