मदुरै अधीनमस्य प्रमुख महंत: नव संसद भवनस्योद्घाटने तमिल संस्कृतिमग्रम् बर्धनाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदिम् धन्यवाद: दत्तवान् !
मदुरै अधीनम के प्रमुख महंत ने नए संसद भवन के उद्घाटन में तमिल संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है !
श्री हरिहर देसिका स्वमिगल: रविवासरम् (२८ मई, २०२३) अकथयत् तत पीएम मोदिन् तमिलाधीनमम् नव संसद भवनस्योद्घाटन समारोहे आमंत्रित्वा तमिल संस्कृतिमग्रम् बर्धवान् !
श्री हरिहर देसिका स्वमिगल ने रविवार (28 मई, 2023) को कहा कि पीएम मोदी ने तमिल अधीनम को नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में आमंत्रित कर के तमिल संस्कृति को आगे बढ़ाया है !
ज्ञापयतु तत श्री हरिहर देसिका स्वमिगल: एव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदिम् सेंगोलोपहृत: स्म ! सः अकथयत्, नव संसद भवनस्योद्घाटन समारोहस्य अंश भूत्वाहम् गौरवस्यानुभवामि !
बता दें कि श्री हरिहर देसिका स्वमिगल ने ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सेंगोल भेंट किया था ! उन्होंने कहा, नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का हिस्सा बन कर मैं काफी गौरव की अनुभूति कर रहा हूँ !
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदैवतः तमिल संस्कृत्या तमिल जनैः च् सह स्थित: सन्ति ! इदृश: कर्ता नरेंद्र मोदिन् प्रथम प्रधानमंत्री सन्ति ! ज्ञापयतु तत स्वमिगल: मदुरै अधीनमस्य त्रिनवति अधिकं द्वयशतानि महंत: सन्ति !
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा से तमिल संस्कृति और तमिल जनता के साथ खड़े हैं ! ऐसा करने वाले नरेंद्र मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं ! बता दें कि स्वमिगल मदुरै अधीनम के 293वें महंत हैं !
तत्रैव वुम्मिडी बंगारू ज्वेलर्स इत्या: चेयरमैन वुम्मिडी सुधाकर: नव संसद भवने सेंगोलस्य स्थापनाम् एकः ऐतिहासिक क्षण: कथवान् ! वुम्मिडी बंगारू चेट्टी कुटुंबस्य ९७ वर्षीय: वयोवृद्ध: प्रमुख: अकथयत् ततेदम् बहु वृहत् गौरवस्य क्षण: अस्ति !
वहीं वुम्मिडी बंगारू ज्वेलर्स के चेयरमैन वुम्मिडी सुधाकर ने नए संसद भवन में सेंगोल की स्थापना को एक ऐतिहासिक क्षण करार दिया ! वुम्मिडी बंगारू चेट्टी परिवार के 97 वर्षीय वयोवृद्ध मुखिया ने कहा कि ये बहुत बड़े गौरव का क्षण है !
अनुमानतः एकं घटकं एवाचलत् वैदिक पूजनस्य काळम् सेंगोलम् संसदे स्थापितं कृतवान् ! ज्ञापयतु ततेदम् तैव सेंगोलमस्ति, येन स्वतंत्रतायाः अनंतरम् सत्ता हस्तांतरणस्य काळं जवाहरलाल नेहरूम् प्रदत्तवान् स्म ! नव संसद भवनस्य विशेषतास्ति तत यस्मिन् ८८८ संसद सदस्या: एकेन सह तिष्ठतुं शक्नोति !
लगभग एक घंटे तक चले वैदिक पूजा-पाठ के दौरान सेंगोल को संसद में स्थापित किया गया ! बता दें कि ये वही सेंगोल है, जिसे आजादी के बाद सत्ता हस्तांतरण के दौरान जवाहरलाल नेहरू को सौंपा गया था ! नए संसद भवन की खासियत है कि इसमें 888 संसद सदस्य एक साथ बैठ सकते हैं !
भविष्ये संसदीय क्षेत्राणां संख्या बर्धने अपि कश्चित संकट: नागमिष्यति ! ज्ञापयतु तत भारतस्य नव संसद भवनस्य निर्माण टाटा कंपनी कृतवत् ! यस्मिन् एकं वृहत् कन्स्टीटूशन हॉल इत्यापि अस्ति, यस्मिन् भारतस्य लोकतांत्रिक धरोहरम् प्रदर्शवत् !
भविष्य में संसदीय क्षेत्रों की संख्या बढ़ने पर भी कोई दिक्कत नहीं आएगी ! बता दें कि भारत के नए संसद भवन का निर्माण TATA कंपनी ने किया है ! इसमें एक बड़ा कंस्टीटूशन हॉल भी है, जिसमें भारत की लोकतांत्रिक विरासत को दर्शाया गया है !
येन ६५००० स्क्वायर मीटर इत्या: क्षेत्रे अरचयत् ! सीलिंग इत्याय दमन एवं दीवतः स्टील, उदयपुरतः केसरिया हरित प्रस्तर, अजमेरतः रक्त ग्रेनाइट अम्बाजीतः श्वेत संगमरमर, नव संसद भवने एतेषां प्रयुज्यं कृतवत: ! अशोक स्तम्भाय मैटेरियल महाराष्ट्रस्य औरंगाबादतः आनीतवान् !
इसे 65,000 स्क्वायर मीटर के क्षेत्र में बनाया गया है ! सीलिंग के लिए दमन एवं दीव से स्टील, उदयपुर से केसरिया हरा पत्थर, अजमेर से लाल ग्रेनाइट और अम्बाजी से सफेद संगमरमर, नए संसद भवन में इन सबका इस्तेमाल किया गया है ! अशोक स्तम्भ के लिए मैटेरियल महाराष्ट्र के औरंगाबाद से लाया गया !