राममंदिर निर्माणस्य प्राणप्रतिष्ठायाः च् सर्वान् ट्रूनिकल कुटुंबम् प्रति शुभाषयः !
राम मंदिर निर्माण और प्राणप्रतिष्ठा की ट्रूनिकल परिवार की ओर से सबको शुभकामना !
राम मंदिरम् केवलं एकं मंदिरम् नास्ति ! इदमेकं विश्वासम्, एकं आस्था ! यस्य साकारेण यत्र सम्पूर्ण विश्वस्य रामभक्ता: भावविह्वळा: तु तत्रैव श्रीराम जन्मभूमि आंदोलने महत् भूमिका निर्वहके भाजपा नेता उमा भारत्या: साध्वी ऋतम्भरायाः च् ज्ञातम् तयो: नेत्रै: बहिः अगच्छताम् !
राम मंदिर केवल एक मंदिर नहीं है ! ये एक विश्वास है, एक आस्था है ! इसके साकार होने से जहाँ दुनिया भर के रामभक्त भावविह्वल है तो वहीं श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाली बीजेपी नेता उमा भारती और साध्वी ऋतंभरा के एहसास उनकी आँखों से छलक पड़े !
सोमवासरम् (२२ जनवरी २०२४) अयोध्यायाः राम मंदिरे प्राणप्रतिष्ठा समारोहतः कतिपय घटकानि पूर्वम् उमा भारती साध्वी ऋतम्भरा च् राम मंदिर परिसरस्य संमुखम् प्राप्तैव भावुके अभवताम् ! तयो: एतेषां भावुक पलाणां चित्राणि प्रसरन्ति ! एतेषु चित्रेषु द्वे परस्परे उपगुहिते दृष्टि आगच्छत: !
सोमवार (22 जनवरी 2024) को अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से कुछ घंटे पहले उमा भारती और साध्वी ऋतंभरा ने राम मंदिर परिसर के सामने पहुँचते ही भावुक हो गई ! उनके इन भावुक पलों की तस्वीरें वायरल हो रही हैं ! इन तस्वीरों में दोनों एक-दूसरे को गले लगाते नजर आ रही हैं !
द्रष्टुम् शक्नोन्ति तत द्वयो: नेत्रै: प्रसन्नतायाः वाष्पमपतताम् ! ययो: चित्राणि द्रष्टस्यानंतरम् जनाः तत् काळमपि स्मरन्ति यदा साध्वी ऋतम्भरा उमा भारती च् राम मंदिर आंदोलने हिंदुन् जागरणस्य कार्यमकुर्वताम् स्म ! उद्घोषानि अददाताम् स्म, कथयाम गर्वतः वयं हिंदवः, हिंदुस्तान अस्माकं !
देख सकते हैं कि दोनों की आँखों से खुशी के आँसू छलक आए हैं ! इनकी तस्वीरें देखने के बाद लोग उस समय को भी याद कर रहे हैं जब साध्वी ऋतंभरा और उमा भारती ने राम मंदिर आंदोलन में हिंदुओं को जगाने का काम किया था ! नारे दिए थे, कहो गर्व से हम हिन्दू हैं, हिंदुस्तान हमारा है !
तत कथनमपि प्रसृतं सन्ति यस्मिन् साध्वी ऋतम्भरा पुनः-पुनः कथयति ! हिंदवः अयोध्यायां भगवतः रामस्य मंदिरेण सह, काश्याः मथुरायाः चपि वार्ता कृतासीत् ! ज्ञापयतु तत नवत्या: दशकस्यारभे उमा भारती साध्वी ऋतम्भरा द्वे भाजपायारभत् राम मंदिरम् आंदोलने महत् भूमिकानिर्वहताम् स्म !
वो बयान भी वायरल हैं जिसमें साध्वी ऋतंभरा बार-बार दोहराती है ! हिंदुओं ने अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के साथ, काशी और मथुरा की भी बात की थी ! बता दें कि 90 के दशक की शुरुआत में उमा भारती और साध्वी ऋतंभरा दोनों ने बीजेपी द्वारा शुरू किए गए राम मंदिर आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी !
राम मंदिरम् आंदोलनम् भारतस्य गृह-गृहमेव प्रेषणे ययो: द्वयो: भाषणानां भूमिकास्ताम् ! अयोध्या आंदोलनस्य काळं साध्वी ऋतम्भरायाः भाषणानां ऑडियो कैसेट पूर्ण देशे शृणुतुम् ददाति स्म ! यस्मिन् ते विरोधिन: बाबरस्य वंशज: कथितुमाह्वयति स्म !
राम मंदिर आंदोलन को भारत के घर-घर तक पहुँचाने में इन दोनों के भाषणों की भूमिका थी ! अयोध्या आंदोलन के दौरान साध्वी ऋतंभरा के भाषणों के ऑडियो कैसेट पूरे देश में सुनाई देते थे ! इसमें वे विरोधियों को बाबर की औलाद कह ललकारती थीं !
यदाचार्य धर्मेंद्र: रामकथा कुंजतः कारसेवकान् प्रसादमर्थतः बाबर्या: इष्टिकान् नयस्याकथयत् स्म ! तदा ता उमा भारती एवासीत् याकथयत् स्म तत तदैव कार्यम् पूर्णम् न भवतु तदैव क्षेत्रम् न त्यजतु ! येन समतलम् करोतु ! उमा भारती उद्घोषमददात् स्म, राम नाम सत्यमस्ति, बाबरी ध्वस्तमस्ति !
जब आचार्य धर्मेंद्र रामकथा कुंज से कारसेवकों को प्रसाद यानी बाबरी की ईंटों को लेने को कहा था ! तब वो उमा भारती ही थीं जिन्होंने कहा था कि जब तक काम पूरा न हो जाए तब तक इलाका न छोड़ा जाए ! इसे समतल किया जाए ! उमा भारती ने नारा दिया था, राम नाम सत्य है, बाबरी ध्वस्त है !
एकः कारसेवक: द्वयो: साध्यो: राम मंदिर निर्माणस्योत्साहे संकल्पे च् गृहीत्वा एकं स्मरणं प्रस्तुतम् कृतरासीत् ! सः कथ्यति, तत् प्रारूपम् पातयस्य काळमस्माकं उम्र २२ वर्षाणि आसीत् अद्यापि चस्माकं तत्र तत् पाइप तत् इष्टिका धृतवत् ! तत्र शिखरम् त्रोटितुं छेनी हथौड़ी केचन कार्यम् नागतवत् !
एक कारसेवक ने दोनों साध्वियों के राम मंदिर बनाने के उत्साह और संकल्प को लेकर एक याद शेयर की है ! वो कहते हैं, उस ढाँचे को ढहाने के वक्त हमारी उम्र 22 साल थी और आज भी हमारे वहाँ वो पाइप वो ईंट रखी गई है ! वहाँ गुंबद तोड़ने के लिए छेनी हथौड़ी कुछ काम नहीं आई !
ततियत् जीर्णमासीत् तत् कीचक बल्ली हनेण एवापतत् ! केवलं जनानां उत्साहम् ततात्रोटयत् स्म ! तः कथ्यति तत साध्वी ऋतम्भरा तदा अकथयत् स्म तत डायनामाइट इत्या उड्डयतु तदा उमा भारती माइक गृहीतवती अकथयत् च् यत् आंनदम् येन प्रकारेण कारसेवा कृते अस्ति तत डायनामाइट इत्या त्रोटने कदापि न आगमिष्यति !
वो इतना सड़ा हुआ था कि वो बाँस और बल्ली मारने से ही गिर गया ! बस लोगों के जुनून ने वो तोड़ डाला था ! वो कहते हैं कि साध्वी ऋतंभरा ने तब कहा था कि डायनामाइट से उड़ा दिया जाए तो तब उमा भारती ने तुरंत माइक संभाल लिया और कहा जो आनंद इस तरह से कार सेवा करने में है वो डायनामाइट से तोड़ने में कतई नहीं आएगा !
सः अग्रम् ज्ञाप्तवान् तत शिखरम् त्रोटनस्य अनंतरम् एकं-एकं चूर्णम्, एकं-एकं इष्टिका यत् चतुष्कोणीयासन् प्रसादस्य रूपे तत्रतः पूर्ण जनाः स्वगृहे नयन्तु ! तत्र केचनापि अवशेष्यत् न क्षेत्रम् स्वच्छमभवत् !
उन्होंने आगे बताया कि गुबंद तोड़ने के बाद एक-एक चूरा, एक-एक ईंट जो चौकोर थीं प्रसाद के रूप में वहाँ से सारे लोग अपने घर उठा ले गए ! वहाँ कुछ भी बचा नहीं मैदान साफ हो गया !
सः अग्रमकथयत्, अस्माभिः बहु प्रसन्नता: तत मंदिरम् निर्मित्य तत्परमभवत् ! अस्माकं आंदोलनम् साफल्यं अलभत् ! अस्माकं पूर्वजाणां त्याग: बलिदान: च् व्यर्थ: नाभवन् ! अस्माकं संमुखम् अस्माकं नेत्रयो: संमुखम् जीवितमेव मन्दिरमरचत् !
उन्होंने आगे कहा, हमें अपार खुशी है कि मंदिर बनकर तैयार हो गया है ! हमारा आंदोलन सफल हुआ ! हमारे पूर्वजों का त्याग और बलिदान व्यर्थ नहीं गया ! हमारे सामने हमारी आँखों के सामने जीते जी मंदिर बन गया !