31.1 C
New Delhi

कर्म व्यवहार

Date:

Share post:

स्वार्थ : स्वयं की प्रगति, प्रतिष्ठा व प्रसन्नता के लिये किया गया कार्यl यह हमारा स्वयं के प्रति प्रेम व कर्तव्य है, जो हम स्वयं की अपेक्षाओं की पूर्ती हेतु करते है, जिसमे गर्व जैसी कोई बात नहीं होनी चाहिए l अपने भले के विशय में सोचना आवश्यक है किन्तु दुसरो की हानि कर मात्र अपने विशय में सोचना इस स्वार्थी व्यवहार से हमें बचना चाहिए l

कर्तव्य : पारिवारिक नैतिक सामाजिक व मौलिक धर्म की पूर्ती के लिये किया गया कार्य व अनुदान, कर्तव्यभाव से करना अपने धर्म का वहन है, इसमें महानता व कृतघ्नता जैसे भाव की अपेक्षा रखना अनुचित है l कर्तव्य वहन से हम ऋणमुक्त रहते हैं इस लिए कर्तव्यों का पालन पूर्ण निष्ठा के साथ करना चाहिएl

सहायता : किसी स्वजन की स्वयं की आत्म संतुष्टि के लिए आवश्यक समय आने पर सहायता करना व अनुदान देना सम्बन्धो के उत्तर्दाइत्वों की पूर्ति हेतु किया हुआ कार्य हैl यह आपकी व्यक्ती विशेष के प्रति प्रेम भाव की अभिव्यक्ति है l जिसके लिये स्वयं को भाग्यशाली समझना चाहिय्र की व्यक्ती ने आप पर विश्वास किया और परमात्मा का धन्यवाद करना चाहिए की उन्होंने आपको समर्थ व संवेदनशील बनायाl जिन्हे हम स्वजन मानते हो उनकी सहायता करना हमारा नैतिक कर्तव्य है l

परोपकार : सर्व समाज की सकुशलता व सहायता हेतु किया गया धर्म अनुसार कार्य इससे आत्म संतुष्टि का भाव उत्पन्न होता है l अपेक्षाहीन परोपकार आपको आनंद व आत्मसंतुष्टी प्रदान करते हैँ l समय समय पर परोपकार करते रहना चाहिए इससे वंचित वर्ग की सहायता होती है और व्यक्ति के पुण्य कर्मों में वृद्धि होती हैl

व्यापार : किसी भी सेवा या वस्तु के बदले में अर्थ व पदार्थ का आदान प्रदान व्यापार कहा गया है l जैसे किसी से गृह कार्य मे सहायता लेकर बदले में भोजन देना, किसी व्यक्ति से शारीरिक श्रम, या निजी कार्यों में हाथ बटवाना और बदले में धनराशि देना इत्यादि l इसमें दोनों ही पक्षो को गर्व आभार कृतघ्नता अभिमान जैसे भाव रखना मूर्खता है l व्यापार आवश्यकता अनुसार ही करना चाहिए l

जिया मंजरी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_img

Related articles

मुस्लिम संगठनानि न रोचन्ते अजमेर ९२, देशस्य सर्वात् वृहत् सेक्स घटनायां रचितं चलचित्रम् ! मुस्लिम संगठनों को सुहा नहीं रहा अजमेर 92, देश के...

९० दशके देशस्य सर्वात् वृहत् सेक्स घटनाम् राजस्थानस्याजमेरे कृतवत् ! अस्मिन् घटनायां आधृतं एकं चलचित्रम् अजमेर ९२ नाम्ना...

२०२४ तमे अपि तैव भविष्यति, मया ज्ञातम् अस्ति-एस जयशंकर: ! 2024 में भी वही होगा, हमें पता है-विदेश मंत्री एस जयशंकर !

वैदेशी धरायां तिष्ठ्वा भारतं प्रति नकारात्मक वार्ताः कर्ता कांग्रेस दलस्य पूर्वाध्यक्ष: राहुल गांधिम् केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर:...

प्रेमिम् ळब्धुं धर्मस्य भित्तयः त्रोटित्वा रुबीना खानतः अभवत् रूबी अवस्थी, कृतवती पाणिग्रहण ! प्रेमी को पाने के लिए मजहब की दीवारें तोड़कर रुबीना खान...

उत्तरप्रदेशस्य बहराइच जनपदस्यारक्षि स्थानम् देहात क्षेत्र वासिना एका युवती स्वप्रेमिम् ळब्धुं धर्मस्य भित्ति त्रोटितवती ! ताम् धर्म परिवर्तनम्...

प्रस्तुतभूतेन पूर्वम् ७२ हूरें चलचित्रम् निस्सरत् दंगलतः अग्रं ! रिलीज से पहले 72 हूरें फिल्म निकली दंगल से आगे !

निर्देशक: संजय पूरन सिंहस्य निर्देशने निर्मितं चलचित्रम् ७२ हूरें इत्या: टीजर प्रस्तुतस्यानंतरेन विशेष चर्चायामस्ति ! इदम् चलचित्रम् ७...