सर्वोच्च न्यायालयं श्व भौमवासरं नूपुर शर्मायाः याचिकायां शृणुनम् कृतन् तया वृहत् सुखम् प्रदत्तम् अस्ति ! उच्चतम न्यायालयं नूपुर शर्माम् वृहत् सुखम् दत्तन् अग्रिम् शृणुनैव तस्या: बंधने अवरोधं कृतन् कथितं !
सुप्रीम कोर्ट ने कल मंगलवार को नूपुर शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें बड़ी राहत प्रदान की है ! उच्चतम न्यायालय ने नूपुर शर्मा को बड़ी राहत देते हुए अगली सुनवाई तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए कहा !
भविष्ये यदि नूपुर्याः कथनम् (पैगम्बर मोहम्मद) गृहीत्वा कश्चितान्य प्राथमिकी पंजीकृतं भवति, तर्हि अपि नूपुर शर्मायाः विरुद्धम् कश्चित कार्यवाहिम् न भविष्यति !
भविष्य में अगर नूपुर के बयान (पैगम्बर मोहम्मद) को लेकर कोई अन्य एफआईआर दर्ज होती है, तो भी नूपुर शर्मा के खिलाफ कोई करवाई नहीं होगी !
ज्ञापयन्तु तत नूपुर शर्मा स्व याचिकायाः माध्यमेण स्व विरुद्धम् पंजीकृतानि बहवः प्रकरणान् देहली स्थानान्तरणेन सहैव बंधनात् सुखस्य याचनां कृतमासीत् !
बता दें कि नूपुर शर्मा ने अपनी याचिका के माध्यम से अपने खिलाफ दर्ज कई मामलों को दिल्ली ट्रांसफर करने के साथ ही गिरफ्तारी से राहत की मांग की थी !
नूपुर शर्मा न्यायमूर्ति सूर्यकांतस्य न्यायमूर्ति जे बी पारदीवालायाः पीठेण कथितौ तत तया सुरक्षामपि उपलब्धं कार्येत् कुत्रचित सर्वोच्च न्यायालये पूर्व शृणुनस्यानंतरम् तया बहवः भर्त्सकाः ळब्धा इति कारणं च् तौ केचन घटनानां उल्लेखमपि कृतौ !
नूपुर शर्मा ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ से कहा कि उन्हें सुरक्षा भी मुहैया कराई जाए क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में पिछली सुनवाई के बाद उन्हें कई धमकियां मिलीं और इस बाबत उन्होंने कुछ घटनाओं का जिक्र भी किया !
यस्यातिरिक्तं तौ टिप्पणिकायाः संबंधे पंजीकृतं भिन्न -भिन्न प्राथमिकी: एकेण सह संलग्नस्याग्रहकं याचिकायां एकं जुलैम् शृणुनस्य काळम् अवकाश कालीन पीठम् प्रति कृतं प्रतिकूळं टिप्पणिकान् निर्वर्तस्यापि प्रार्थनाम् कृतौ स्त: !
इसके अलावा उन्होंने टिप्पणी के संबंध में दर्ज अलग-अलग प्राथमिकियों को एक साथ जोड़ने के आग्रह वाली याचिका पर एक जुलाई को सुनवाई के दौरान अवकाशकालीन पीठ की ओर से की गई प्रतिकूल टिप्पणियों को हटाने की भी गुजारिश की है !
सा स्व याचिकायां केंद्रीय गृहमंत्रालयं, देहलीम्, महाराष्ट्रम्, तेलंगानाम्, पश्चिम बंगम्, कर्नाटकम्, उत्तर प्रदेशम्, जम्मू-कश्मीरमसमम् च् पक्षकारा: कृतास्ति !
उन्होंने अपनी याचिका में केंद्रीय गृह मंत्रालय, दिल्ली, महाराष्ट्र, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और असम को पक्षकार बनाया है !