प्रतीक चित्र
वाराणस्यां साधूनां संतानां धर्मपरिषदस्य शुक्रवासरं २२ प्रस्तावम् पारिता: ! येषु सर्वात् प्रमुखयाचनां ज्ञानवापी मस्जिदे ळब्धं आकृत्या: (शिवलिंग) पूजनं एवं दर्शनं कृतस्यास्ति !
वाराणसी में साधु-संतों के धर्म परिषद में शुक्रवार को 22 प्रस्ताव पारित हुए हैं ! इनमें सबसे प्रमुख मांग ज्ञानवापी मस्जिद में मिली आकृति (शिवलिंग) की पूजा एवं दर्शन करने की है !
साधूनां संतानां कथनमस्ति तत यत्र कुत्रैवापि स्वयंभू ज्योतिर्लिंगम् निःसृते तत्रे पूजनस्य एवं दर्शनस्याज्ञाम् ददाते ! येन कारणम् तै: अपि अत्र पूजनस्य-पाठस्य आज्ञाम् मेलनीयं !
साधु संतों का कहना है कि जहां कहीं भी स्यवंभू ज्योतिर्लिंग निकलते हैं वहां पर पूजा एवं दर्शन की इजाजत दी जाती है ! इसलिए उन्हें भी यहां पूजा-पाठ की इजाजत मिलनी चाहिए !
साधूनां-संतानां इति प्रस्तावे शिवलिंगम् क्षतिदातानां विरुद्धम् प्राथमिकी पंजीकृतस्य, १९९१ उपासना स्थलविधेयकम् निरस्तस्य परिसरस्य चधो स्तरम् अनावृतस्य याचनां कृतमस्ति !
साधु-संतों के इस प्रस्ताव में शिवलिंग को नुकसान पहुंचाने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने, 1991 उपासना स्थल कानून को रद्द करने और परिसर के निचले हिस्से को खोलने की मांग की गई है !
ज्ञापयन्तु तत सर्वोच्चन्यायालयस्याज्ञायां वाराणसी जनपद न्यायालये ज्ञानवापी मस्जिदप्रकरणस्य शृणुनम् भवति ! ज्ञानवाप्या: पूर्णप्रकरणम् इति काळं न्यायालये अस्ति !
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वाराणसी जिला अदालत में ज्ञानवापी मस्जिद केस की सुनवाई हो रही है ! ज्ञानवापी का पूरा मामला इस समय कोर्ट में है !
जनपदन्यायाधीश: प्रकरणस्य केचनदिवसानां शृणुनं कृतमस्ति ! सम्प्रति इति प्रकरणे शृणुनम् जुलै: भवितमस्ति ! ज्ञानवाप्या: प्रकरणम् न्यायालये अस्ति यस्मिन् च् न्यायालयस्य निर्णयमिव मान्यं भविष्यति !
जिला जज ने मामले की कुछ दिनों की सुनवाई की है ! अब इस केस पर सुनवाई जुलाई में होनी है ! ज्ञानवापी का मामला कोर्ट में है और इस पर कोर्ट का फैसला ही मान्य होगा !
इदृशेषु साधवः-संता: स्वप्रस्तावेण हिंदूसमाजस्य इच्छाम् संमुखमानयस्य प्रयत्नम् कृतमस्ति ! इति धर्मपरिषदे बहु मठतः मठाधीशा:, साधवः-संता:, सामाजिककार्यकर्ता: इतिहासकर्ता: च् सम्मिलिता: सन्ति !
ऐसे में साधु-संतों ने अपने प्रस्ताव से हिंदू समाज का रुख सामने लाने की कोशिश की है ! इस धर्म परिषद में कई मठ से मठाधीश, साधु-संत, सामाजिक कार्यकर्ता और इतिहासकार शामिल हैं !
यस्मात् पूर्वम् शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वतिण: शिष्य: अविमुक्तेश्वरनंद: गुरूवासरम् घोषणा कृतः तत ते ज्ञानवापी मस्जिदे ळब्धं शिवलिंगस्य ४ जूनम् पूजनम् करिष्यन्ति !
इससे पहले शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि वे ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग की चार जून को पूजा करेंगे !
सः कथित: तत यदि प्रशासनम् तेन पूजनकृतेण अवरोधयति तर्हि सः शंकराचार्यमवगतम् करिष्यति तस्यानंतरम् च् शंकराचार्य: यत् निर्णयम् करिष्यति, तस्मिन् कार्यम् करिष्यते !
उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन उन्हें पूजा करने से रोकता है तो वह शंकराचार्च को अवगत कराएंगे और उसके बाद शंकराचार्य जो निर्णय करेंगे, उस पर अमल किया जाएगा !